आज का बाइबल वचन – परमेश्वर आज आपसे क्या कहता है?
वचन:
“उदार प्राणी हृष्ट–पुष्ट हो जाता है, और जो औरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।” – नीतिवचन 11:25
🌿 आज का मनन (Daily Devotion)
नीतिवचन 11:25 हमें एक ऐसे सिद्धांत से परिचित कराता है जो केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि पूरे जीवन में काम करता है। यह कहता है कि उदार व्यक्ति स्वयं भी हृष्ट–पुष्ट हो जाता है—अर्थात उसके जीवन में कमी नहीं रहती, बल्कि भरपूरता आती है। परमेश्वर ने उदारता को आशीषों की कुंजी बनाया है। जब हम दूसरों के जीवन में भलाई बोते हैं, तो स्वर्ग का दाता स्वयं हमारे जीवन को नई ताज़गी से भर देता है।
“जो औरों की खेती सींचता है…” यह वाक्य गहन अर्थ लिए हुए है। जैसे एक किसान अपने खेत में मेहनत करता है, पौधों को पानी देता है, उन्हें संभालता है—वैसे ही हम भी जब किसी के जीवन में प्रोत्साहन, दया, मदद, सांत्वना या प्रेम का जल डालते हैं, तो हम उनकी “खेती” को सींच रहे होते हैं। अक्सर हमें लगता है कि हमारे छोटे कार्यों का कोई बड़ा प्रभाव नहीं होगा, पर परमेश्वर हर छोटे बीज को देखता, संभालता और बढ़ाता है।
उदारता केवल धन देने से नहीं पहचानी जाती—
• किसी को समय देना भी उदारता है।
• किसी की बात ध्यान से सुनना भी उदारता है।
• किसी निराश व्यक्ति को उम्मीद देना भी उदारता है।
• किसी दुखी को सांत्वना देना भी उदारता है।
जब हम ऐसे छोटे-छोटे प्रेम के बीज बोते हैं, तो परमेश्वर स्वयं हमारे जीवन की सूखी जमीन को हरी-भरी कर देता है। वह हमारे थकान, निराशा और कमी के स्थानों को अपनी शक्ति, शांति और आनंद से भर देता है।
आज का यह वचन हमें याद दिलाता है कि हम केवल लेने वाले नहीं, बल्कि देने वाले बनने के लिए बुलाए गए हैं। जैसे नदियाँ अपने पानी को बहाती हैं और स्वयं ताज़ा रहती हैं—वैसे ही जो दूसरों को ताज़ा करते हैं, परमेश्वर उन्हें स्वयं ताज़गी देता है।
आज निर्णय लें कि किसी एक व्यक्ति के लिए आशीष बनेंगे। आपकी छोटी सी उदारता किसी के जीवन में बड़ी परिवर्तन की शुरुआत बन सकती है।
🙏 आज की प्रार्थना
हे प्रभु,
मुझे एक उदार और करुणा से भरा हृदय दे।
मुझे दूसरों की मदद करने और उनके जीवन को सींचने में उपयोग कर।
और जैसे मैं भलाई बोता हूँ, तू मेरे जीवन में अपनी आशीष, शक्ति और शांति की भरपूर वर्षा कर।
आमीन।

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